वामन द्वादशी: क्या है इसका महत्व और पूजा विधि?
वामन द्वादशी, भाद्रपद शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाई जाती है। यह व्रत भगवान वामन के पूजन और उनके दिव्य अवतार के प्रति समर्पण का प्रतीक है। इसे विधिपूर्वक करने से भक्तों को स्वर्ग की प्राप्ति और मोक्ष का…
क्या है परिवर्तनी एकादशी का महत्व और इसकी पूजा विधि?
पद्मा एकादशी, जिसे परिवर्तनी एकादशी भी कहते हैं, भाद्रपद शुक्ल पक्ष की एकादशी है। इस दिन भगवान विष्णु क्षीर सागर में शेष शय्या पर शयन करते हुए करवट बदलते हैं, इसलिए इसे करवटनी एकादशी भी कहा जाता है। इस व्रत…
क्या है महालक्ष्मी व्रत की पूजा विधि और इसका धार्मिक महत्व?
महालक्ष्मी व्रत भाद्रपद कृष्ण अष्टमी से आरंभ होकर सोलह दिनों तक किया जाता है। यह व्रत देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने और सुख-समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। महालक्ष्मी व्रत की पूजा विधि संकल्प मंत्र व्रत आरंभ करने…
दुबड़ी सातें: पूजा विधि, कथा, और महत्त्व
दुबड़ी सातें भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को मनाई जाती है। यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि पारिवारिक संबंधों को प्रगाढ़ करने और बड़ों का आशीर्वाद प्राप्त करने का भी दिन है। दुबड़ी सातें…
आशा भगोती व्रत: क्या है और कैसे करें? विधि विधान और कथा
आशा भगोती व्रत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी से शुरू होकर आठ दिनों तक चलता है। यह व्रत कुंवारी लड़कियों द्वारा अपने जीवन में सुख-समृद्धि, उत्तम वर, और भविष्य में सुखद वैवाहिक जीवन की कामना के लिए किया…
क्या है जीवित्पुत्रिका व्रत का महत्व और इसे कैसे करें?
जीवित्पुत्रिका व्रत (जिसे जिउतिया व्रत भी कहा जाता है) आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को किया जाता है। यह व्रत पुत्रवती महिलाओं द्वारा अपने पुत्रों की दीर्घायु और उनकी सुरक्षा के लिए रखा जाता है। मान्यता है कि…
क्या है महालक्ष्मी व्रत का महत्व और कैसे करें इसका पूजन?
महालक्ष्मी व्रत भाद्रपद शुक्ल अष्टमी (राधा अष्टमी) से आरंभ होकर आश्विन मास की कृष्ण पक्ष अष्टमी तक चलता है। इस व्रत का उद्देश्य धन, समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति है। यह व्रत विशेषकर माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए…
क्या है सांझी पर्व का महत्व और क्यों मनाया जाता है यह खास त्यौहार?
सांझी का पर्व भारतीय लोक परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो आश्विन माह की पूर्णिमा से अमावस्या तक मनाया जाता है। यह पर्व विशेष रूप से कुंवारी लड़कियों के लिए शुभ माना जाता है। सांझी पूजन के माध्यम से…
श्राद्ध कैसे करें ? श्राद्ध का महत्व, विधि-विधान और विशेष दिन
भारतीय संस्कृति में श्राद्ध को अत्यधिक महत्व दिया गया है। भाद्रपद पूर्णिमा से लेकर आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तक का समय पितृ पक्ष कहलाता है। यह कालखंड उन पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने के लिए है जो अब…
शरद पूर्णिमा: अमृत वर्षा का पर्व, व्रत विधि और महत्व
शरद पूर्णिमा भारतीय परंपरा और धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है। आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है। इसे रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन का खगोलीय महत्व भी…