महालक्ष्मी व्रत भाद्रपद शुक्ल अष्टमी (राधा अष्टमी) से आरंभ होकर आश्विन मास की कृष्ण पक्ष अष्टमी तक चलता है। इस व्रत का उद्देश्य धन, समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति है। यह व्रत विशेषकर माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है।
Table of contents
पूजा विधि-विधान
- लक्ष्मीजी का अभिषेक:
लक्ष्मीजी की मूर्ति को पवित्र जल से स्नान कराएं और नये वस्त्र पहनाएं। - भोग और आरती:
लक्ष्मीजी को प्रिय भोग अर्पित करें। चन्दन, फूल, धूप और दीप जलाकर उनकी आरती करें। - चंद्रमा को अर्घ्य:
रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देकर स्वयं भोजन ग्रहण करें। - व्रत अवधि:
इस व्रत को लगातार 16 दिनों तक नियमपूर्वक करें।
इस व्रत से क्या होता है?
धन-धान्य में वृद्धि होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।
महालक्ष्मी व्रत की कथा
गरीब ब्राह्मण की कहानी
प्राचीन काल में एक निर्धन ब्राह्मण था, जो जंगल में स्थित विष्णु मंदिर में नियमित पूजा करता था। उसकी भक्ति देखकर भगवान विष्णु ने उसे धन प्राप्त करने का उपाय बताया।
भगवान विष्णु की सलाह:
- मंदिर के सामने उपले थापने वाली महिला को पकड़कर अपने घर ले जाना।
- वह महिला स्वयं लक्ष्मीजी होंगी।
- लक्ष्मीजी के घर आते ही धन-धान्य की कमी समाप्त हो जाएगी।
ब्राह्मण ने भगवान के बताए अनुसार लक्ष्मीजी से प्रार्थना की। लक्ष्मीजी ने कहा, “तुम और तुम्हारी पत्नी 16 दिन तक मेरा व्रत करो और चंद्रमा की पूजा कर उत्तर दिशा में मुझे पुकारना।”
व्रत पूरा होने पर:
ब्राह्मण ने लक्ष्मीजी के बताए अनुसार व्रत किया। 16वें दिन चंद्रमा की पूजा के बाद लक्ष्मीजी प्रकट हुईं और ब्राह्मण का घर धन-धान्य से भर दिया।
महालक्ष्मी व्रत का महत्व
यह व्रत माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने और धन, समृद्धि, तथा सुख-शांति की प्राप्ति के लिए किया जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को विधिपूर्वक करने से माता लक्ष्मी स्वयं व्रती के घर वास करती हैं।
पूजा सामग्री
- लक्ष्मीजी की मूर्ति
- पवित्र जल
- नये वस्त्र
- चन्दन, धूप, दीप
- फूल और फूलों की माला
- नैवेद्य (भोग के लिए विशेष व्यंजन)
- तांबे का लोटा (चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए)
FAQs: महालक्ष्मी व्रत
1. महालक्ष्मी व्रत कितने दिनों तक किया जाता है?
यह व्रत 16 दिनों तक किया जाता है।
2. महालक्ष्मी व्रत का प्रारंभ और समापन कब होता है?
यह व्रत भाद्रपद शुक्ल अष्टमी से प्रारंभ होकर आश्विन कृष्ण अष्टमी को समाप्त होता है।
3. महालक्ष्मी व्रत क्यों किया जाता है?
इस व्रत को धन, सुख, और समृद्धि की प्राप्ति के लिए किया जाता है।
4. व्रत के दौरान क्या खा सकते हैं?
व्रत के दौरान फलाहार और सात्विक भोजन ग्रहण करें।
5. व्रत की कथा सुनना क्यों आवश्यक है?
कथा सुनने से व्रत का पुण्य और प्रभाव बढ़ता है।
क्या आपने कभी महालक्ष्मी व्रत किया है? अपने अनुभव और सवाल हमें कमेंट में साझा करें!
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