कामदा एकादशी चैत्र शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। इसे सभी पापों के नाश और मोक्ष प्राप्ति का व्रत माना जाता है। इस व्रत को करने से कुयोनि से मुक्ति मिलती है और अंत में स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
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कामदा एकादशी व्रत का महत्व
इस व्रत का पालन करने वाले व्यक्ति के समस्त पाप समाप्त हो जाते हैं। यह व्रत व्यक्ति को बुरी परिस्थितियों और श्राप से मुक्ति दिलाने के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है।
कामदा एकादशी कथा
नागलोक के राजा और गंधर्व का श्राप
प्राचीन काल में नागलोक में राजा पुण्डरीक राज्य करते थे। उनकी सभा में अप्सराएँ, किन्नर, और गंधर्व नृत्य किया करते थे। एक बार ललित नामक गंधर्व राजा की सभा में नृत्य और गायन कर रहा था। नृत्य के दौरान उसे अपनी प्रियतमा ललिता की याद आ गई, जिससे उसका प्रदर्शन बिगड़ गया। यह देखकर कर्कट नामक नाग ने राजा को इस बात की सूचना दी। क्रोधित राजा ने ललित को राक्षस योनि में जन्म लेने का श्राप दे दिया।
श्रापित जीवन और मुक्ति का उपाय
ललित ने सहस्त्रों वर्षों तक राक्षस योनि में भटकते हुए कष्ट सहे। उसकी पत्नी ललिता भी अपने पति की यह स्थिति देखकर अत्यंत दुखी हुई। एक दिन वे दोनों ऋष्यमूक नामक मुनि के आश्रम में पहुँचे। मुनि ने उनकी दयनीय स्थिति को देखकर चैत्र शुक्ल पक्ष की कामदा एकादशी व्रत करने का सुझाव दिया।
व्रत का पालन और श्राप से मुक्ति
ललित और ललिता ने मुनि के बताए नियमों के अनुसार कामदा एकादशी व्रत रखा। व्रत के प्रभाव से उनका श्राप समाप्त हो गया। उन्होंने दिव्य रूप प्राप्त किया और अंत में स्वर्ग लोक चले गए।
कामदा एकादशी व्रत विधि
- स्नान और संकल्प: प्रातःकाल पवित्र स्नान कर व्रत का संकल्प लें।
- पूजा: भगवान विष्णु की पूजा करें और उन्हें फल, फूल, और प्रसाद अर्पित करें।
- व्रत पालन: इस दिन व्रती को अन्न का त्याग कर फलाहार करना चाहिए।
- कथा श्रवण: कामदा एकादशी की कथा सुनना और सुनाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
- रात्रि जागरण: भगवान विष्णु के भजन-कीर्तन करते हुए रात्रि जागरण करें।
FAQs
1. कामदा एकादशी व्रत का क्या महत्व है?
यह व्रत सभी पापों को समाप्त कर मोक्ष प्राप्ति में सहायक है।
2. कामदा एकादशी व्रत किस दिन मनाया जाता है?
कामदा एकादशी चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है।
3. कामदा एकादशी कथा का मुख्य संदेश क्या है?
यह कथा यह सिखाती है कि भक्ति और व्रत के माध्यम से श्राप और कष्टों से मुक्ति पाई जा सकती है।
4. कामदा एकादशी व्रत में क्या करना चाहिए?
भगवान विष्णु की पूजा, कथा श्रवण, फलाहार और रात्रि जागरण करना चाहिए।
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