प्रत्येक मास की पूर्णिमा तिथि पवित्र मानी जाती है। इस दिन स्त्री, पुरुष, बाल, वृद्ध पवित्र नदियों में स्नान कर अपने शरीर और मन को शुद्ध करते हैं। चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को ‘चैती पूनम’ भी कहा जाता है। यह दिन भगवान श्रीकृष्ण एवं हनुमानजी की भक्ति के लिए समर्पित है।
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व्रत का महत्व
- इस दिन भगवान लक्ष्मी-नारायण को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखा जाता है और प्रभु सत्यनारायण की कथा का पाठ किया जाता है।
- इसे श्रीकृष्ण के ब्रज में महारास उत्सव का समापन दिवस भी माना जाता है, जो भक्ति और योग की चरम सीमा का प्रतीक है।
- हनुमान जयन्ती के रूप में, यह दिन भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है।
हनुमान जयन्ती पूजा विधि
- हनुमानजी का श्रृंगार और पूजा: हनुमानजी को नए वस्त्र पहनाए जाते हैं और उनका विशेष श्रृंगार किया जाता है।
- आरती और भोग: हनुमानजी की आरती कर उन्हें फल और मिठाई का भोग लगाया जाता है।
- प्रसाद वितरण: पूजा के बाद प्रसाद सभी भक्तों में वितरित किया जाता है।
व्रत और कथा
व्रत विधि
- स्नान और शुद्धता: प्रातःकाल पवित्र नदियों में स्नान करें।
- भगवान की पूजा: घर में भगवान लक्ष्मी-नारायण और हनुमानजी की पूजा करें।
- सत्यनारायण कथा: परिवार के साथ सत्यनारायण भगवान की कथा सुनें।
- भोग और प्रसाद: भगवान को फल और मीठा अर्पित कर प्रसाद का वितरण करें।
कथा
- चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को ‘चैती पूनम’ के रूप में जाना जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रज में महारास उत्सव का आयोजन किया था।
- यह महारास कार्तिक पूर्णिमा से शुरू होकर चैत्र पूर्णिमा को समाप्त हुआ था। श्रीकृष्ण ने अपनी अनंत योग शक्ति से गोपियों के साथ विराट रूप धारण कर विषय लोलुपता के देवता कामदेव पर विजय प्राप्त की।
- कुछ मान्यताओं के अनुसार, इस दिन हनुमानजी का जन्म हुआ था। हनुमान जयन्ती पर विशेष पूजा और भक्ति की जाती है।
FAQs
1. चैत्री पूर्णिमा क्यों महत्वपूर्ण है?
यह दिन भक्ति, व्रत और स्नान के माध्यम से शारीरिक और मानसिक शुद्धता का प्रतीक है।
2. क्या चैत्री पूर्णिमा पर हनुमान जयन्ती मनाई जाती है?
कुछ मान्यताओं के अनुसार, हनुमानजी का जन्म चैत्र पूर्णिमा को हुआ था, जबकि अन्य मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक मास में उनका जन्म दिवस मनाया जाता है।
3. चैत्री पूर्णिमा पर कौन-कौन से व्रत रखे जाते हैं?
इस दिन सत्यनारायण व्रत और हनुमानजी के भक्त विशेष व्रत रखते हैं।
4. इस दिन कौन-से धार्मिक कार्य करने चाहिए?
पवित्र नदियों में स्नान, सत्यनारायण कथा, हनुमानजी की पूजा और प्रसाद वितरण करना शुभ माना जाता है।