वाराह चतुर्दशी: भगवान वाराह की पूजा, व्रत विधि और महत्व
यह व्रत आश्विन शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान वाराह के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह व्रत भगवान वाराह की पूजा और हिरण्याक्ष वध की कथा सुनने-सुनाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस…
पद्मनाभ द्वादशी व्रत: भगवान विष्णु की पूजा का महत्व, विधि और फल
पद्मनाभ द्वादशी व्रत आश्विन शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन भगवान पद्मनाभ, जो भगवान विष्णु के विशेष स्वरूप हैं, को समर्पित है। इस दिन, भगवान विष्णु जागृत अवस्था में आते हैं और ब्रह्मा जी “ॐकार”…
पापांकुशा एकादशी: पापों का नाश करने वाला पर्व
आश्विन शुक्ल पक्ष की एकादशी को पापांकुशा एकादशी कहा जाता है। यह एकादशी पाप रूपी हाथी को महावत के अंकुश से बेधने के कारण यह नाम प्राप्त करती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत का विशेष महत्व…
विजया दशमी (दशहरा) क्यों मनाया जाता है ? महत्व और कथा
दशहरा, जिसे विजया दशमी भी कहा जाता है, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को पूरे भारत में हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। यह पर्व भगवान रामचंद्र की रावण पर विजय और देवी दुर्गा की…
दुर्गाष्टमी: देवी दुर्गा के महिमामयी नौ रूपों की पूजा का पावन पर्व
दुर्गाष्टमी हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे आश्विन शुक्ल पक्ष अष्टमी को मनाया जाता है। यह दिन देवी दुर्गा की पूजा और आराधना के लिए समर्पित है। इस दिन भक्तगण मां दुर्गा की उपासना कर अपने जीवन से…
अशोक व्रत का महत्व, पूजा और उजमन की विधि
अशोक व्रत एक महत्वपूर्ण धार्मिक व्रत है, जिसे हिंदू धर्म में विशेष स्थान प्राप्त है। यह व्रत आश्विन मास की शुक्ल प्रतिपदा को किया जाता है और इसका मुख्य उद्देश्य अशोक वृक्ष की पूजा के माध्यम से सुख-समृद्धि और शांति…
नवरात्रि का महत्व, पूजा विधि और आध्यात्मिक लाभ
नवरात्र या नवरात्रि, आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से प्रारंभ होकर नौ दिनों तक चलने वाला एक महत्वपूर्ण हिंदू पर्व है। इन दिनों में माँ दुर्गा की पूजा-अर्चना और रामलीलाओं का आयोजन पूरे देश में धूमधाम से होता…
पितृ विसर्जन अमावस्या: पितरों को तृप्त करने का विशेष दिन
पितृ विसर्जन अमावस्या, जिसे आश्विन मास की अमावस्या के रूप में जाना जाता है, पितरों को विदाई देने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का महत्वपूर्ण अवसर है। यह दिन उन परिवारों के लिए विशेष है जो अपने पूर्वजों की तिथि…
इन्दिरा एकादशी: पितरों को मोक्ष प्रदान करने वाली एकादशी
आश्विन कृष्ण पक्ष की एकादशी को इन्दिरा एकादशी कहते हैं। यह एकादशी उन भटकती आत्माओं या पितरों को शांति और मोक्ष प्रदान करने के लिए विशेष मानी जाती है, जो मृत्यु के बाद भी गति प्राप्त नहीं कर पाते। इस…
मातृ नवमी: दिवंगत माताओं और सासों के लिए श्रद्धा का पर्व
आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को मातृ नवमी मनाई जाती है। इस दिन का उद्देश्य दिवंगत माताओं और सासों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए विशेष पूजा और तर्पण करना है। पितृपक्ष के दौरान जहाँ…