आश्विन शुक्ल पक्ष की एकादशी को पापांकुशा एकादशी कहा जाता है। यह एकादशी पाप रूपी हाथी को महावत के अंकुश से बेधने के कारण यह नाम प्राप्त करती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत का विशेष महत्व है।
Table of contents
पापांकुशा एकादशी का महत्व
- पापों का नाश:
इस व्रत को करने से सभी प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं। - धन-धान्य और सुख:
व्रत करने से व्यक्ति को धन-धान्य, सुख, और वैभव प्राप्त होता है। - व्रत का अनुपम फल:
एक हजार अश्वमेघ यज्ञ और सौ राजसूय यज्ञ का फल भी इस एकादशी के व्रत के सोलहवें हिस्से के बराबर नहीं है। - भगवत स्मरण और मौन:
इस दिन मौन रहकर भगवान विष्णु का ध्यान करना और फलाहार करना श्रेष्ठ माना जाता है।
पापांकुशा एकादशी व्रत कथा
क्रोधन बहेलिए की कथा
विन्ध्य पर्वत पर क्रोधन नाम का एक महाक्रूर बहेलिया रहता था। उसने अपना पूरा जीवन हिंसा, झूठ, मद्यपान, और लूटपाट में व्यतीत किया। जब उसका अंत समय आया, तब यमराज ने उसे लेने के लिए दूतों को भेजा।
यमदूतों से मृत्यु का समाचार सुनकर क्रोधन भयभीत हो गया और अंगिरा ऋषि के आश्रम में पहुँचकर शरण ली। ऋषि ने उसकी प्रार्थना सुनकर उसे आश्विन शुक्ल एकादशी का व्रत करने और भगवान विष्णु की पूजा करने का निर्देश दिया।
क्रोधन ने पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से व्रत और पूजन किया। व्रत के प्रभाव से उसके समस्त पाप नष्ट हो गए और वह भगवान विष्णु के लोक में चला गया। यमदूत उसे ले जाने में असमर्थ रहे।
पापांकुशा एकादशी की पूजा विधि
- स्नान और संकल्प:
प्रातःकाल स्नान कर व्रत का संकल्प लें। - भगवान विष्णु की पूजा:
विष्णु भगवान की प्रतिमा या चित्र के समक्ष दीपक जलाएं और तुलसी पत्र के साथ उन्हें पुष्प, फल, और नैवेद्य अर्पित करें। - मौन और भगवत स्मरण:
इस दिन मौन रहना और भगवान का स्मरण करना विशेष लाभकारी है। - फलाहार:
व्रतधारी केवल फल और जल का सेवन करें। अन्न का त्याग करें। - ब्राह्मण भोजन:
ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान दें।
पापांकुशा एकादशी का संदेश
यह एकादशी हमें सिखाती है कि श्रद्धा, भक्ति, और व्रत के माध्यम से भगवान की कृपा प्राप्त कर कोई भी व्यक्ति अपने जीवन को सुधार सकता है। पापांकुशा एकादशी भक्ति, पुण्य, और पापों के नाश का प्रतीक है।
संक्षेप में
- तिथि: आश्विन शुक्ल एकादशी
- देवता: भगवान विष्णु
- व्रत का फल: सभी पापों का नाश, विष्णुलोक की प्राप्ति
- पूजा का विधान: मौन रहकर भगवान विष्णु की पूजा और फलाहार
FAQ: पापांकुशा एकादशी के बारे में सामान्य प्रश्न
1. पापांकुशा एकादशी क्यों मनाई जाती है?
यह भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने और पापों के नाश के लिए मनाई जाती है।
2. इस दिन क्या करना चाहिए?
भगवान विष्णु की पूजा, व्रत, मौन, और ब्राह्मण भोजन का आयोजन करना चाहिए।
3. क्या इस व्रत को कोई भी कर सकता है?
हां, इसे कोई भी व्यक्ति कर सकता है, चाहे वह किसी भी जाति, धर्म, या वर्ग का हो।
4. इस एकादशी का व्रत कैसे करें?
पूरे दिन मौन रहकर भगवत स्मरण करें और केवल फलाहार करें। अन्न का सेवन न करें।