नवरात्रे हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखने वाला पर्व है, जो चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर राम नवमी तक मनाया जाता है। इस दौरान भक्तगण आदिशक्ति देवी दुर्गा, भवानी, और जगदम्बा की पूजा करते हैं। नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जाती है और जौ बोए जाते हैं। इसके साथ ही “दुर्गा सप्तशती” का पाठ किया जाता है।
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पूजा विधि-विधान
घट स्थापना और मूर्ति स्थापना
- एक पटरे पर लाल कपड़ा बिछाएं और देवी दुर्गा की मूर्ति स्थापित करें।
- एक छोटे ताम्र कलश में शुद्ध जल भरें। कलश पर मोली लपेटें और श्रीफल स्थापित करें।
- कलश के चारों ओर पाँच आम के पत्ते लगाएं और मध्य में श्रीफल रखें।
दैनिक पूजा प्रक्रिया
- रोजाना देवी दुर्गा की पूजा करें और ज्योत जलाएं।
- जल, रोली, चावल, लोंग, बतासे, गुड़, प्रसाद, फल, फूल, धूप, दीपक आदि सामग्री से आरती करें।
अष्टमी पूजन
अष्टमी के दिन देवीजी की कड़ाही बनाई जाती है।
- हलवा, चने, और पूरी का भोग बनाएं।
- नौ कुंवारी कन्याओं को भोजन कराएं, उन्हें टीका लगाएं और दक्षिणा दें।
मंदिर दर्शन सामग्री
मंदिर में दर्शन के लिए पूजा सामग्री जैसे जल, रोली, चावल, मौली, दही-दूध, चूड़ी, सिन्दूर, ध्वजा, नारियल और दक्षिणा ले जाएं।
नवरात्रि कथा
राजा सुरथ और वणिक की कथा
प्राचीन समय में सुरथ नामक राजा के राज्य पर शत्रुओं ने आक्रमण किया। उनके मंत्रियों ने विश्वासघात कर दिया, जिससे राजा पराजित होकर वन में चले गए। वहाँ उनकी मुलाकात वणिक समाधि से हुई, जो अपने परिवार द्वारा अपमानित होकर वन में निवास कर रहे थे। दोनों ने महर्षि मेधा के आश्रम में जाकर अपने दुःख सुनाए।
महर्षि मेधा ने उन्हें बताया कि आदि शक्ति के विद्या और अविद्या दो रूप हैं। देवी की उपासना से राजा और वणिक दोनों को मोक्ष और राज वैभव प्राप्त हुआ।
मधु-कैटभ वध की कथा
जब भगवान विष्णु क्षीर सागर में विश्राम कर रहे थे, उनके कानों से मधु और कैटभ नामक दो दैत्य उत्पन्न हुए। इन दैत्यों ने ब्रह्मा जी को मारने का प्रयास किया। ब्रह्मा जी ने योगनिद्रा की स्तुति की, जिससे देवी प्रकट हुईं। उनके प्रकट होने पर भगवान विष्णु ने दैत्यों का वध किया।
महिषासुर वध की कथा
महिषासुर के अत्याचारों से त्रस्त देवताओं ने भगवान शिव, विष्णु और ब्रह्मा से सहायता मांगी। उनके सम्मिलित तेज से देवी दुर्गा प्रकट हुईं। देवी ने महिषासुर से घमासान युद्ध कर अंततः उसका वध किया। देवी ने शुम्भ-निशुम्भ जैसे दैत्यों का भी संहार किया।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
1. नवरात्रि में घट स्थापना का क्या महत्व है?
घट स्थापना नवरात्रि के शुभारंभ का प्रतीक है। यह देवी दुर्गा को आमंत्रित करने और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए की जाती है।
2. अष्टमी पूजन में क्या-क्या सामग्री आवश्यक होती है?
अष्टमी पूजन के लिए हलवा, चने, पूरी, कुंवारी कन्याओं के लिए प्रसाद, दक्षिणा, टीका और फूलों की माला की आवश्यकता होती है।
3. देवी दुर्गा की कौन-कौन सी कथाएं प्रसिद्ध हैं?
मधु-कैटभ वध, महिषासुर मर्दिनी, और शुम्भ-निशुम्भ वध की कथाएं देवी दुर्गा की प्रमुख कथाएं हैं।
4. दुर्गा सप्तशती का पाठ क्यों किया जाता है?
दुर्गा सप्तशती का पाठ देवी की महिमा का गुणगान है। इसे पढ़ने से भक्तों को मानसिक शांति, समृद्धि, और देवी की कृपा प्राप्त होती है।
5. नवरात्रि में व्रत रखने का क्या महत्व है?
व्रत रखने से मन और शरीर शुद्ध होते हैं। यह भक्ति और आत्म-अनुशासन का प्रतीक है।
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