सफला एकादशी 2025 में पौष कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाएगी, अंग्रेजी कैलेंडर में यह 15 दिसम्बर 2025 को है। सफला एकादशी व्रत और कथा भगवान नारायण की पूजा और समस्त कार्यों में सफलता के लिए किया जाता है।
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सफला एकादशी का महत्व
यह व्रत करने से जीवन में सफलता और समृद्धि प्राप्त होती है। यह व्रत समस्त पापों का नाश करने वाला माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
सफला एकादशी की पूजा विधि
परंपरागत पूजा विधि:
- प्रातःकाल स्नान कर भगवान नारायण की आरती करें।
- नारियल, सुपारी, आंवला, अनार और लौंग से भगवान का पूजन करें।
- भगवान विष्णु को भोग लगाएं।
- ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन या दान दें।
- रात्रि में जागरण कर कीर्तन और पाठ करें।
सफला एकादशी व्रत कथा: राजा महिष्मन और लुम्पक की प्रेरक कहानी
सफला एकादशी की पौराणिक कथा
राजा महिष्मन के चार पुत्र थे। सबसे बड़ा पुत्र, लुम्पक, अपने दुष्कर्मों और पापों के कारण पिता के धन का दुरुपयोग करता था। राजा ने दुखी होकर उसे देश निकाला दे दिया। लुम्पक की बुरी आदतें जारी रहीं, लेकिन एक दिन जब तीन दिनों तक उसे भोजन नहीं मिला, तो वह भोजन की तलाश में एक साधु की कुटिया पर पहुँचा।
उस दिन “सफला एकादशी” थी। साधु ने उसका मीठे वचनों से सत्कार किया और उसे भोजन दिया। इस व्यवहार ने लुम्पक की बुद्धि को परिवर्तित कर दिया। उसने अपने जीवन के दुराचारों पर विचार किया और साधु के चरणों में गिरकर क्षमा मांगी। साधु ने उसे अपना शिष्य बना लिया।
लुम्पक ने साधु की आज्ञा से “सफला एकादशी” का व्रत करना शुरू किया। जब उसका पूरा जीवन परिवर्तित हो गया, तब साधु ने अपना असली रूप प्रकट किया। वह साधु और कोई नहीं, बल्कि उसके पिता राजा महिष्मन थे। पुत्र की सदगुणों से युक्त स्थिति देखकर राजा ने उसे राजकाज सौंप दिया।
लुम्पक ने एक आदर्श राजा के रूप में शासन किया और आजीवन “सफला एकादशी” का व्रत रखा।
FAQs
सफला एकादशी का क्या महत्व है?
सफला एकादशी व्रत से जीवन में सफलता, समृद्धि और पापों से मुक्ति मिलती है।
क्या हम सफला एकादशी पर पानी पी सकते हैं?
सफला एकादशी पर व्रती निर्जल उपवास भी कर सकते हैं, लेकिन स्वास्थ्य अनुसार फलाहार या पानी ग्रहण कर सकते हैं।
सफला एकादशी की पूजा कैसे करें?
भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करें, दान-पुण्य करें और रात्रि जागरण करें।
सफला एकादशी व्रत में क्या खाना चाहिए?
व्रत में फलाहार, ताजे फल, सूखे मेवे और व्रत अनाज का सेवन करना चाहिए।
सफला एकादशी क्यों मनाई जाती है?
सफला एकादशी भगवान विष्णु की कृपा और समस्त कार्यों में सफलता पाने के लिए मनाई जाती है।
निष्कर्ष
सफला एकादशी 2025 को श्रद्धा और भक्ति से मनाकर जीवन में सफलता और समृद्धि पाएं। इस व्रत की महिमा को अपने परिवार और मित्रों के साथ साझा करें। अपने विचार और अनुभव कमेंट में साझा करें।
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