तिथि: श्रावण मास की पूर्णिमा
महत्व: रक्षाबंधन भाई-बहन के अटूट प्रेम और सुरक्षा के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व हिंदू संस्कृति में स्नेह, कर्तव्य और विश्वास का प्रतीक है।
Table of contents
पर्व का इतिहास और पौराणिक कथाएं
- द्रौपदी और श्रीकृष्ण
जब भगवान श्रीकृष्ण के हाथ में चोट लगने से रक्त बहने लगा, तब द्रौपदी ने अपनी साड़ी का टुकड़ा फाड़कर उनके हाथ पर बांध दिया। इस बंधन से ऋणी हुए श्रीकृष्ण ने दुःशासन द्वारा चीर हरण के समय द्रौपदी की लाज बचाई। - रानी कर्मवती और हुमायूँ
मध्यकालीन इतिहास में चित्तौड़ की रानी कर्मवती ने दिल्ली के मुगल बादशाह हुमायूँ को राखी भेजकर अपना भाई बनाया। हुमायूँ ने इस राखी का मान रखते हुए चित्तौड़ की रक्षा के लिए गुजरात के बादशाह से युद्ध किया।
पूजा विधि-विधान
- घर की सफाई और तैयारी
- पूर्णिमा के दो दिन पहले गोबर और पानी का छिड़काव करें।
- अगले दिन चूने से पोताई करें और गेरू से मांड बनाएं।
- कहानी सुनना और पूजा सामग्री तैयार करना
- कहानी सुनते समय लड्डू से जिमा दें और जल का छींटा दें।
- पूजा के लिए सामग्री: रोली, चावल, लड्डू, मोली, नारियल, फूल, धूप, दीपक, और प्रसाद।
- राखी बांधने की प्रक्रिया
- हनुमान जी और पितरों को जल, रोली, मोली, चावल, फूल, और नारियल चढ़ाएं।
- ठाकुर जी के मंदिर की पूजा करें।
- खीर-पूरी का भोजन बनाएं और पहले राखी बांधने की रस्म करें।
- भाई को राखी बांधते समय तिलक करें और उसकी लंबी उम्र और समृद्धि की कामना करें।
- राखी के उपहार
- भाई बहन को आशीर्वाद और उपहार (रुपये, वस्त्र या मिठाई) देता है।
- बहन अपने भाई को मिठाई खिलाती है और उसकी समृद्धि की कामना करती है।
रक्षाबंधन का महत्व
- भाई-बहन का संबंध: यह त्यौहार भाई-बहन के बीच के अटूट प्रेम और जिम्मेदारी का प्रतीक है।
- संस्कृति का संरक्षण: यह पारिवारिक मूल्यों और परंपराओं को बनाए रखने का अवसर है।
- सामाजिक एकता: रक्षाबंधन जाति, धर्म और समाज की सीमाओं से ऊपर उठकर एकता और स्नेह का संदेश देता है।
FAQs
1. क्या केवल भाई-बहन ही रक्षाबंधन मना सकते हैं?
नहीं, यह पर्व किसी भी रक्षात्मक संबंध को मनाने के लिए मनाया जा सकता है, चाहे वह बहन-भाई हों या अन्य आत्मीय संबंध।
2. राखी बांधने का शुभ मुहूर्त क्या होता है?
श्रावण पूर्णिमा के दिन, शुभ मुहूर्त में, पूजा और राखी बांधने की रस्म निभाई जाती है।
3. रक्षाबंधन का सामाजिक महत्व क्या है?
यह पर्व पारिवारिक प्रेम और एकता को बढ़ावा देता है, और समाज में महिलाओं की सुरक्षा के प्रति जागरूकता लाता है।
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