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मकर संक्रांति 2025
व्रत / त्यौहार

मकर संक्रांति 2025: मकर संक्रांति कब है और इसे क्यों मनाया जाता है?

मकर संक्रांति 2025 में 14 जनवरी को मनाई जाएगी। यह पर्व सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर मनाया जाता है, जो हर वर्ष इसी तिथि पर आता है। यह पर्व सूर्य के उत्तरायण होने का प्रतीक है।

मकर संक्रांति का महत्व क्यों है?

भारतीय संस्कृति में मकर संक्रांति अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है। यह दिन सूर्य देव के मकर राशि में प्रवेश करने का संकेत देता है, जिससे दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं। इसे दक्षिण भारत में पोंगल, पंजाब में लोहड़ी, असम में भोगली बिहू और गुजरात में उत्तरायण के रूप में भी मनाया जाता है।

मकर संक्रांति 2025 की पूजा विधि

परंपरागत पूजा विधि:

  • दाल, चावल मिलाकर कच्ची खिचड़ी और तिल के लड्डू का दान करें।
  • यदि लड्डू न बन सकें तो गजक का उपयोग करें।
  • खिचड़ी की ढेरी बनाकर उसमें पापड़, घी, नमक और रुपया रखकर ब्राह्मणों को दान दें।
  • काले तिल में दक्षिणा डालकर ब्राह्मण को दान दें और मेंहदी मंडाएं।
  • गंगाजी में स्नान करें।
  • सासुजी के पैर छूकर बायना दें, जिसमें घेवर, तिल के लड्डू, आटे के लड्डू और रुपये रखें।

विशेष परंपराएं:

  • गरीबों को दान देना।
  • बेटियों को बायना और रुपये भेजना।
  • विवाह वाले वर्ष में संक्रांति का विशेष सामान भेजना।
  • उजमन कराना और ससुराल में लड्डू, घेवर और नगद रुपये भेजना।

मकर संक्रांति 2025 में क्या करें?

  • गंगा स्नान और दान-पुण्य करें।
  • तिल, गुड़, खिचड़ी का सेवन करें।
  • पतंगबाजी का आनंद लें।
  • परिवार और मित्रों के साथ उत्सव मनाएं।

मकर संक्रांति से जुड़े रोचक तथ्य

  • यह पर्व पूरे भारत में विभिन्न नामों से मनाया जाता है।
  • सूर्य देवता की पूजा का विशेष महत्व है।
  • तिल और गुड़ के सेवन से स्वास्थ्य लाभ होते हैं।

FAQs

मकर संक्रांति क्यों मनाई जाती है?

सूर्य देव के मकर राशि में प्रवेश और उत्तरायण होने की खुशी में मकर संक्रांति मनाई जाती है। यह दिन सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का प्रतीक है।

मकर संक्रांति कब मनाई जाती है?

हर वर्ष 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाती है।

मकर संक्रांति पर क्या दान करना चाहिए?

तिल, गुड़, खिचड़ी, वस्त्र, और दक्षिणा का दान शुभ माना जाता है।

निष्कर्ष

मकर संक्रांति 2025 को पूरे उल्लास और श्रद्धा के साथ मनाएं। इस पर्व पर दान-पुण्य करें, परिवार और समाज में खुशहाली फैलाएं। अपने अनुभव साझा करें और इस लेख को अपने मित्रों और परिवार के साथ साझा करें।


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