श्रावण कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को कामिका एकादशी मनाई जाती है। इसे ‘पवित्रा एकादशी’ के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से की जाती है, और यह व्रत पापों के नाश व मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग है।
Table of contents
कामिका एकादशी की पूजा विधि
- प्रातःकाल स्नान
इस दिन प्रातःकाल जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें। - भगवान विष्णु की मूर्ति का स्नान
भगवान विष्णु की प्रतिमा को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शुद्ध जल) से स्नान कराएँ। - पूजन सामग्री का उपयोग
भगवान को सुगंधित चंदन, फूल, धूप, दीप, और भोग अर्पित करें। - आरती और व्रत संकल्प
भगवान विष्णु की आरती उतारें और व्रत का संकल्प लें। - रात्रि जागरण
इस दिन रात्रि जागरण का विशेष महत्व है। भगवान के नाम का कीर्तन करें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
कामिका एकादशी की कथा
प्राचीन काल में एक गाँव में एक क्रोधी ठाकुर रहता था। एक बार उसका विवाद एक ब्राह्मण से हो गया, और क्रोधवश उसने ब्राह्मण की हत्या कर दी। ब्राह्मण की हत्या के बाद वह अत्यंत पश्चाताप से भर गया। उसने ब्राह्मणों को तेरहवीं भोज के लिए बुलाया, लेकिन सभी ने यह कहकर मना कर दिया कि उसने पाप किया है और वह अछूत हो गया है।
ठाकुर ने ब्राह्मणों से निवेदन किया, “मेरा पाप कैसे दूर होगा?” इस पर ब्राह्मणों ने उसे कामिका एकादशी व्रत करने की सलाह दी।
ठाकुर ने पूरी श्रद्धा से कामिका एकादशी का व्रत रखा। व्रत की रात्रि में जब वह भगवान विष्णु की मूर्ति के पास सो रहा था, तब उसे स्वप्न में भगवान विष्णु ने दर्शन दिए और कहा, “हे ठाकुर! तेरा पाप नष्ट हो गया है। अब तू ब्राह्मण की तेरहवीं कर सकता है।”
इसके बाद ठाकुर ने ब्राह्मणों को बुलाकर तेरहवीं संपन्न की और ब्रह्महत्या के पाप से मुक्त होकर अंततः विष्णु लोक को प्राप्त हुआ।
कामिका एकादशी का महत्त्व
- पापों का नाश
यह व्रत व्यक्ति के सभी पापों का नाश करता है। - मोक्ष की प्राप्ति
कामिका एकादशी का व्रत करने से भगवान विष्णु की कृपा से मोक्ष प्राप्त होता है। - विष्णु भक्ति का महत्व
यह दिन विष्णु भक्ति के लिए विशेष माना गया है, और इस दिन की गई पूजा व्यक्ति को विशेष फल प्रदान करती है।
FAQs: कामिका एकादशी
1. क्या कामिका एकादशी पर व्रत रखना अनिवार्य है?
हाँ, जो व्यक्ति इस दिन व्रत करता है, उसे भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
2. क्या व्रत के दौरान कुछ खा सकते हैं?
व्रत के दौरान फलाहार कर सकते हैं, लेकिन अनाज और नमक का त्याग करना चाहिए।
3. क्या कामिका एकादशी का व्रत केवल हिंदू धर्म के लोग ही कर सकते हैं?
यह व्रत करने में कोई बाध्यता नहीं है; कोई भी श्रद्धालु व्यक्ति भगवान विष्णु की भक्ति के लिए इसे कर सकता है।
निष्कर्ष:
कामिका एकादशी का व्रत और पूजा व्यक्ति को पापमुक्त कर भगवान विष्णु का आशीर्वाद दिलाती है। यह पर्व आत्मशुद्धि और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है। आपके विचार और अनुभव क्या हैं? कृपया साझा करें।
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