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भैया पाँचे
व्रत / त्यौहार

भैया पांचे: भाई-बहन के अटूट प्रेम का अनोखा पर्व

भैया पाँचे का पर्व श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। यह त्यौहार मुख्य रूप से भाई-बहन के प्रेम और परस्पर विश्वास को समर्पित है। इस अवसर पर महिलाएँ अपने भाइयों की लंबी आयु और सुखद जीवन की कामना करती हैं।


भैया पांचे की कथा

कथा के अनुसार, एक देवरानी और जिठानी मिट्टी लेने के लिए गईं। मिट्टी खोदते समय एक सर्प उनके पास आ गया। देवरानी ने सर्प को डलिया से ढक दिया और बाद में सर्प को मुक्त कर दिया। सर्प ने प्रसन्न होकर उससे वरदान माँगने को कहा। देवरानी ने कहा, “मेरा कोई भाई नहीं है।”

सर्प ने उसे भरोसा दिलाया कि वह बारह साल का भाई बनकर आएगा। सर्प ने वादा निभाया और बहन को विदा कराने आया। विदाई के बाद बहन सर्प के साथ उसके घर पहुँची।

सर्प का घर महलों से सजा हुआ था। वहाँ उसकी माँ ने सभी सर्पों को रोज़ ठंडा दूध पिलाने की प्रथा रखी थी। एक दिन बहन ने गरम दूध पिलाने का निर्णय लिया। दूध के कारण सर्पों को चोट लगी, और उन्होंने बहन को डसने की बात कही। लेकिन सर्पों की माँ ने कहा, “कोई अपनी बहन को डसता है क्या?”

आगे चलकर, बहन ने अपने पिता के दर्शन किए, जो अजगर थे। पिता ने उसे वरदान मांगने को कहा। बहन ने हीरा-मणियों का हार मांगा। उन्होंने बताया कि यह हार बहन के लिए ही शुभ है; अन्य लोग इसे पहनेंगे, तो यह सर्प बन जाएगा।

सावन खत्म होने के बाद जब बहन को ससुराल विदा किया गया, तो वह हार लेकर गई। वहाँ उसकी सास और जिठानी ने हार देखकर ईर्ष्या की। जिठानी ने हार पहनने की जिद की, लेकिन जैसे ही उसने हार पहना, वह सर्प बन गया। इस घटना से सभी को समझ में आया कि हार केवल बहन के लिए वरदानस्वरूप था।


भैया पांचे का महत्त्व

  1. भाई-बहन के रिश्ते की मजबूती
    यह त्यौहार भाई-बहन के बीच प्रेम और विश्वास को गहराई प्रदान करता है।
  2. कर्म का फल और सच्चाई की जीत
    यह कथा सिखाती है कि सच्चे मन और निष्ठा से किया गया कार्य हमेशा फलदायक होता है।
  3. पारिवारिक संबंधों की प्रगाढ़ता
    यह पर्व परिवार में सौहार्द और प्रेम बनाए रखने का प्रतीक है।

पूजा विधि

  1. श्रावण कृष्ण पंचमी को स्नान करें।
  2. भाई के लिए पूजन सामग्री जैसे राखी, हल्दी, चावल, और मिठाई तैयार करें।
  3. नागदेवता की पूजा करें और उनकी कथा सुनें।
  4. भाई को तिलक लगाकर राखी बाँधें और उसकी दीर्घायु की कामना करें।

भैया पांचे से जुड़ी परंपराएँ

  • नागदेवता की आराधना
    इस दिन नागदेवता का पूजन करने से परिवार में सुख-शांति और सुरक्षा का वरदान मिलता है।
  • सर्पों का आदर
    यह पर्व सिखाता है कि प्रकृति के हर जीव के साथ आदर और प्रेम का व्यवहार करना चाहिए।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. भैया पांचे का पर्व कौन मना सकता है?

यह पर्व मुख्यतः बहनें अपने भाइयों के लिए मनाती हैं, लेकिन इसे सभी महिलाएँ नागदेवता की कृपा पाने के लिए मना सकती हैं।

2. क्या इस दिन विशेष भोजन बनाया जाता है?

हाँ, इस दिन प्रसाद के रूप में खीर, पूड़ी, और मिठाइयाँ बनाकर नागदेवता को अर्पित की जाती हैं।

3. क्या यह पर्व केवल भारत में मनाया जाता है?

मुख्य रूप से यह पर्व भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचलित है, लेकिन अब यह अन्य स्थानों पर भी मनाया जाने लगा है।


निष्कर्ष:

भैया पाँचे का पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास को मजबूत करता है। यह त्यौहार हमें यह संदेश देता है कि सच्चे मन से की गई प्रार्थना और कर्म हमेशा फलदायक होते हैं।

आपके विचार क्या हैं? कृपया इस पर्व से जुड़ी अपनी यादें या सवाल साझा करें।


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