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Bhagwan Vishnu with Maa Laxmi
आरती / मंत्र पूजा विधियाँ

भगवान विष्णु की आरती: महत्व, पूजा विधि, Lyrics

भगवान विष्णु हिन्दू धर्म के त्रिदेवों में से एक हैं, जिन्हें पालनकर्ता, रक्षक और सृष्टि के संतुलन को बनाए रखने वाला माना जाता है। उनका प्रमुख कार्य संसार के हर एक जीव और संसार की रक्षा करना है। भगवान विष्णु के प्रति भक्ति और आस्था व्यक्त करने के लिए उनकी आरती का विशेष महत्व है। भगवान विष्णु की आरती न केवल भक्ति को प्रगाढ़ करती है, बल्कि जीवन में शांति, समृद्धि और सुख भी प्रदान करती है।


Bhagwan Vishnu Ji ki Aarti

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।
भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥
 
जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।
सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय...॥
 
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ ॐ जय...॥
 
तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी॥
पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय...॥
 
तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ॐ जय...॥
 
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय...॥
 
दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ॐ जय...॥
 
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥ ॐ जय...॥
 
तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥ ॐ जय...॥
 
जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय...॥ 

भगवान विष्णु की आरतीॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे – विडियो

भगवान विष्णु की आरती का विधि

भगवान विष्णु की आरती को बड़े श्रद्धा भाव से करना चाहिए। इस आरती को विशेष रूप से रविवार, एकादशी और पूज्य तिथि पर गाने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। आरती करने के लिए निम्नलिखित विधि अपनाई जाती है:

  1. पूजा स्थान की सफाई करें और वहां दीपक या अगरबत्तियां लगाएं।
  2. भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र को स्वच्छ करके अच्छे स्थान पर रखें।
  3. पानी, फूल, और फल भगवान को अर्पित करें।
  4. आरती की थाली तैयार करें जिसमें दीपक, कपूर और चंदन हो।
  5. आरती का गान करें और ध्यान केंद्रित करके भगवान की महिमा का गायन करें।

भगवान विष्णु की आरती एक शक्तिशाली साधना है जो न केवल भक्तों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करती है, बल्कि उनके जीवन में समृद्धि और सुख भी लाती है। यह आरती भगवान विष्णु के प्रति श्रद्धा और भक्ति को अभिव्यक्त करने का एक सुंदर तरीका है। जब भक्त इसे पूर्ण विश्वास और समर्पण के साथ गाते हैं, तो उनका जीवन धन्य और पुण्य से परिपूर्ण हो जाता है। भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है।

भगवान विष्णु की आरती: सामान्य प्रश्न (FAQ)

  1. भगवान विष्णु की आरती का महत्व क्या है?
    भगवान विष्णु की आरती का महत्व यह है कि यह भक्तों को भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति व्यक्त करने का एक साधन है। इस आरती से जीवन में शांति, समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है। यह पापों का नाश करती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।
  2. भगवान विष्णु की आरती कब करनी चाहिए?
    भगवान विष्णु की आरती विशेष रूप से रविवार, एकादशी और अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक तिथियों पर की जाती है। इसे किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन इन तिथियों पर इसका अधिक महत्व है।
  3. भगवान विष्णु की आरती कैसे की जाती है?
    भगवान विष्णु की आरती करने के लिए, पूजा स्थान को स्वच्छ करें, दीपक और अगरबत्तियां लगाएं, और भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र के सामने पूजा करें। फिर, आरती की थाली में दीपक, कपूर और चंदन रखें और श्रद्धा भाव से आरती गाएं।
  4. क्या भगवान विष्णु की आरती करने से कोई विशेष लाभ होता है?
    हां, भगवान विष्णु की आरती करने से पापों का नाश होता है, मानसिक शांति प्राप्त होती है, और जीवन में समृद्धि और सुख आता है। यह आरती सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है और भक्तों को आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में मार्गदर्शन करती है।
  5. क्या भगवान विष्णु की आरती का जाप एक व्यक्ति अकेले कर सकता है?
    हां, भगवान विष्णु की आरती का जाप एक व्यक्ति अकेले भी कर सकता है। हालांकि, सामूहिक रूप से आरती करने से और अधिक पुण्य प्राप्त होता है।
  6. क्या भगवान विष्णु की आरती का कोई विशेष समय होता है?
    भगवान विष्णु की आरती का कोई विशेष समय नहीं होता, लेकिन इसे प्रातः या संध्याकाल में करना अधिक शुभ माना जाता है।

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