माँ लक्ष्मी, जिन्हें धन, वैभव और समृद्धि की देवी के रूप में पूजा जाता है, हिन्दू धर्म में अत्यधिक श्रद्धा का स्थान रखती हैं। उनकी कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। विशेष रूप से दीपावली, शुक्रवार, और पूर्णिमा के दिन माँ लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। आइए, जानते हैं माँ लक्ष्मी की आरती, उनके पूजा विधि और इसके महत्व के बारे में।
Table of contents
लक्ष्मीजी की पूजा का महत्व
माँ लक्ष्मी को भगवान विष्णु की पत्नी और समृद्धि की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है। उनका आशीर्वाद मिलने से व्यक्ति को धन, ऐश्वर्य, और सफलता प्राप्त होती है। वे केवल भौतिक सुख-समृद्धि की ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक प्रगति की भी प्रतीक हैं। उनकी पूजा करने से:
- घर में शांति और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
- आर्थिक समस्याओं का निवारण होता है।
- कारोबार और व्यापार में वृद्धि होती है।
देवी लक्ष्मी की पूजा विधि
1. पूजा की तैयारी:
- पूजा स्थल और घर की सफाई करें। स्वच्छता को माँ लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए आवश्यक माना गया है।
- लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और उस पर माँ लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
2. पूजन सामग्री:
- माँ लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र
- लाल कपड़ा
- चावल, फूल (विशेष रूप से कमल)
- घी का दीपक
- धूप और कपूर
- मिठाई और फल
- नारियल और सुपारी
- खीर का भोग
3. पूजा का क्रम:
- आसन: माँ लक्ष्मी की प्रतिमा को उत्तर या पूर्व दिशा की ओर रखें।
- दीप जलाना: घी का दीपक जलाकर माँ लक्ष्मी का आवाहन करें।
- मंत्र जाप: “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” का 108 बार जाप करें।
- भोग: माँ को खीर, मिठाई और फल अर्पित करें।
- आरती: पूजा के अंत में माँ लक्ष्मी की आरती करें।
- प्रसाद वितरण: पूजा के बाद सभी भक्तों को प्रसाद बांटें।
माँ लक्ष्मी की आरती
महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं सुरेश्वरि ।
हरि प्रिये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं दयानिधे ॥
पद्मालये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं च सर्वदे ।
सर्वभूत हितार्थाय, वसु सृष्टिं सदा कुरुं ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥
उमा, रमा, ब्रम्हाणी,
तुम ही जग माता ।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत,
नारद ऋषि गाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
दुर्गा रुप निरंजनि,
सुख-संपत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्याता,
ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
तुम ही पाताल निवासनी,
तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी,
भव निधि की त्राता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
जिस घर तुम रहती हो,
ताँहि में हैं सद्गुण आता ।
सब सभंव हो जाता,
मन नहीं घबराता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
तुम बिन यज्ञ ना होता,
वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव,
सब तुमसे आता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
शुभ गुण मंदिर सुंदर,
क्षीरोदधि जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन,
कोई नहीं पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
महालक्ष्मी जी की आरती,
जो कोई नर गाता ।
उँर आंनद समाता,
पाप उतर जाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥
Lakshmi Aarti with Lyrics
माँ लक्ष्मी पूजा से संबंधित FAQ
1. माँ लक्ष्मी की पूजा किस दिन करनी चाहिए?
माँ लक्ष्मी की पूजा के लिए शुक्रवार, दीपावली, और पूर्णिमा का दिन विशेष शुभ माना जाता है। इन दिनों पूजा करने से देवी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
2. माँ लक्ष्मी की पूजा में कौन-कौन सी सामग्री चाहिए?
पूजा के लिए लाल कपड़ा, चावल, कमल का फूल, घी का दीपक, धूप, कपूर, मिठाई, फल, नारियल, सुपारी, और खीर का भोग आवश्यक हैं।
3. माँ लक्ष्मी को कौन सा मंत्र अर्पित करें?
“ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” का जाप करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
4. माँ लक्ष्मी को कौन से भोग प्रिय हैं?
माँ लक्ष्मी को खीर, मिठाई, और कमल का फूल विशेष रूप से प्रिय हैं।
5. क्या माँ लक्ष्मी की पूजा घर में रोज की जा सकती है?
हाँ, माँ लक्ष्मी की पूजा नियमित रूप से की जा सकती है। इससे घर में शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
6. दीपावली पर लक्ष्मी पूजा का महत्व क्या है?
दीपावली के दिन माँ लक्ष्मी की पूजा करने से पूरे वर्ष धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। यह दिन माँ लक्ष्मी का आवाहन करने के लिए सबसे शुभ माना जाता है।
7. क्या माँ लक्ष्मी की पूजा अकेले की जा सकती है?
हाँ, माँ लक्ष्मी की पूजा अकेले या परिवार के साथ की जा सकती है। मुख्य बात श्रद्धा और विश्वास की है।
Discover more from PoojaMarg.Com
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
1 COMMENTS